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Showing posts from October, 2017

गढ़वाल रामलीला में रावण की चौपाईयां

गढ़वाल रामलीलारावण चौपाई :-:- रावण चौपाई :-:- सत्य कहा नारद ब्रह्मज्ञानी, भुजक्ल मोर सकल जग जानी।। अभिजाऊं कैलाश उठाएं, शम्भू सहित लंका में लाऊं।।                                              Saurabh rawat                                                                      writer

गढ़वाल की रामलीला की कुछ महत्वपूर्ण चौपाईयां

गढ़वाल की रामलीला की कुछ महत्वपूर्ण चौपाईयां राम चौपाई:-:- तात जनक तनया यह सोहई, धनुष यज्ञ यही कारण होई। पूजन गौरी सखी संग आई, करत प्रकाश फिरत फुलवारी।                                             Saurabh rawat                                                                 Writer     

Garhwal Ramlila most popular song

 Garhwal Ramlila most popular song -:-:-राम, लक्ष्मण  का राजसी वस्त्र उतार कर गुरूवे वस्त्र  पहनना-:-:- गाना-:-  उतारूं राज के कपड़े जो है माता तेरे मन में,     बनाऊं भेष मुनियों  का रमाऊं भस्म सब तन में। मुझे दुख है नहीं कुछ भी कि मैं  वन आज जाता हूँ,    पिता जी व्यर्थ दु:ख कीना यही चिंता रही मन में, दशरथ गाना-:- करी क्या कर्ता ने ये उल्टी पड गई सारी।    या इक दिन हाय बनने  का बिगड़ने की है अब बारी। इधर बन राम हाय लक्ष्मण, उधर जायें सिया प्यारी।                                               Saurabh rawat                                                      Writer गढ़वाल की परम्पराओं   या इस पोस्ट से सम्बंधित किसी भी तरह का प्रश्न पूछने के लिए नीचे comment कीजिये

Garhwal Ramlila most popular song

  Garhwal Ramlila most popular song                                  -:-:-राम गाना-:-:- पिता जी कैसे व्याकुल है,हमें माता बता दीजे।       हुआ अपराध जो मुझसे, क्षमा कीजे क्षमा कीजे। मुझे है शोक अति भारी, पिता की देख हालत को।      जो देखा दोष मुझमें हो, जरा जल्दी बता दीजे। जो कारण कोपदायक हो, जरा जल्दी बता दीजे।      मेरा ही दोष है माता, क्षमा उनको करा दीजे। कैकई गाना-:-:- नहीं कुछ कोप कारण, जो कारण है सो सुन लीजे।       तुम्हारे स्नेह से राजा, दुखी है यह समझ लीजे। मिले दो वर जो थे मुझको, वो मांगे आज राजा से।   तो वन एक वर से रघुवर को, भरत को राज पद दीजे। तुम्हारी प्रीति से राजा, पड़े हैं धर्म के हारे।                                                  Saurabh rawat                                       .             Writer गढ़वाल की परम्पराओं   या इस पोस्ट से सम्बंधित किसी भी तरह का प्रश्न पूछने के लिए नीचे comment कीजिये

Garhwal Ramlila most popular song

Garhwal Ramlila most popular song                     - :-सीता गाना-:- (सीता) -: -: -ऐ पिता जी तुम्हारी दुलारी सुता,                        आज रो-रो के तुमसे विदा हो रही।                आओ मिल - लो गले से हे प्यारे पिता,                        आज सीता यहां  से जुदा हो रही। (जनक) - :-:- मेरी बेटी न ज्यादा रुला अब मुझे,                          मेरे आँखों का पानी खत्म हो गया।                    तेरा सुनके रूदन ये मेरी लाडली,                         आज मेरा कलेजा भसम हो गया                                                    Saurabh rawat                                                          Writer गढ़वाल की परम्पराओं   या इस पोस्ट से सम्बंधित किसी भी तरह का प्रश्न पूछने के लिए नीचे comment कीजिये

Garhwal Ramlila most popular song

Garhwal Ramlila most popular song Ye doha v garhwal ki Ramlila me Nyi Jan dalta hai.                        :-:-परशुराम (दोहा)-:-:                                                                                  ऐ मूड़ जनक तू सच बतला, ये धनुवा किसने तोड़ा है। इस भरे स्वंयम्बर में सीता से, किसने नाता जोड़ा है।। जल्दी उसकी सूरत बतला, वरना चौपट कर डालूंगा। जितना राज्य तेरा पृथ्वी पर, उल्टी पुलट कर डालूंगा।। मेरे इस खूनी फरसे ने, खूनों की नदियाँ बहायीहै। इस आर्य भूमि में कई बार, छत्राणी विधवा बनायी है ऐ मूड़ जनक तू सच बतला, ये धनुवा किसने तोड़ा है। इस भरे स्वंयम्बर में सीता से, किसने नाता जोड़ा है।।                                                Saurabh rawat ‌                                                     Writer गढ़वाल की परम्पराओं   या इस पोस्ट से सम्बंधित किसी भी तरह का प्रश्न पूछने के लिए नीचे comment कीजिये

Garhwal Ramlila most popular song

      Garhwal Ramlila most popular song Ye song v Ramlila me char chand lga deta hai.         -:-लक्ष्मण का क्रोधित होकर उठना लक्ष्मण गाना-:- कुछ करो होश से बात राजा जनक,            ऐसी बातें  बनाना मुनासिब नहीं। इस तरह से हतक करनी हर एक की,            सबको कायर बनाना मुनासिब  नहीं। क्षत्रिया वंश  का हो गया खात्मा,            ये जवां पर भी लाना मुनासिब नहीं। कर लिया फैसला घर में  ही बैठ कर,            ऐसी सेखी जताना मुनासिब नहीं। यों बुला करके घर में हर एक को,             ऐसी त्योरी चढ़ाना मुनासिब नहीं। क्या करूँ बड़े भाई की आज्ञा बिना,            हाथ मुझको उठाना मुनासिब नहीं।                                                   Saurabh rawat                                                         Writer गढ़वाल की परम्पराओं   या इस पोस्ट से सम्बंधित किसी भी तरह का प्रश्न पूछने के लिए नीचे comment कीजिये

Garhwal Ramlila most popular song

    Garhwal Ramlila most popular song Ye song garhwal me bhut Hi jyada prachalit hai.           :-:-राम-लक्ष्मण का गाना-:-: मुनी चलना जनक पुरी होके चलो।। (2) मुनी चलना जनक पुरी होके चलो।। (2)      राजा जनक की कन्या कुंवारी,            उसका स्वंयम्बर रचाते चलो।। (2) मुनी चलना जनक पुरी होके चलो।। (2) मुनी चलना जनक पुरी होके चलो।। (2) राजा जनक का प्रण है भारी,         उनके प्रण को निभाते चलो।। (2) मुनी चलना जनक पुरी होके चलो।। (2) मुनी चलना जनक पुरी होके चलो।। (2) राजा जनक घर धनुवा है पुराना,       उसका भी चिल्ला चढ़ाते चलो।। (2) मुनी चलना जनक पुरी होके चलो।। (2) मुनी चलना जनक पुरी होके चलो।। (2)                                  Saurabh rawat                                        Writer गढ़वाल की परम्पराओं   या इस पोस्ट से सम्बंधित किसी भी तरह का प्रश्न पूछने के लिए नीचे comment कीजिये

Garhwal Ramlila most popular song

  Garhwal Ramlila most popular song            :-:-विशिष्ट गाना-:-:- ऐ राजन आपका इस बात  में, इन्कार नाहक है।। मुनी जी रास्ते पर है तेरा इन्कार नाहक है।। मुनासिब तो यही है भेज दो दोनों  कुमारों को।। नहीं तो आपकी मर्जी मेरो सलाह नाहक है।।                                          Saurabh rawat                                                 Writer गढ़वाल की परम्पराओं   या इस पोस्ट से सम्बंधित किसी भी तरह का प्रश्न पूछने के लिए नीचे comment कीजिये

Garhwal Ramlila most popular song

   Garhwal Ramlila most popular song              :-:-विश्वामित्र गाना-:-:- इस अवस्था में राजन मुझे आपको,          कोई तकलीफ देना गँवारा नहीं।। राम-लक्ष्मण ही काफी है उनके लिए,         फौज लश्कर का चाहिए सहारा नहीं।।                                     Saurabh rawat                                             Writer गढ़वाल की परम्पराओं   या इस पोस्ट से सम्बंधित किसी भी तरह का प्रश्न पूछने के लिए नीचे comment कीजिये

Garhwal Ramlila most popular song

Garhwal Ramlila most popular song                      :-:-दशरथ गाना-:-:- ऐ मुनी जी सुनाई है क्या  दास्तां,           राक्षसों का रहा भय हमारा नहीं।। क्षत्रीय वंश का अंश जाता रहा,    लफ्ज जाता यह मुझसे सहा ही नहीं।। खून सुनते ही मेरा उबलने लगा,      और कलेजा भी हाथों उछलने लगा।। हाथ ऋषियों पर दुष्टों का चलने लगा,       राजा का भय जरा भी  विजारा नहीं।।                                         Saurabh rawat                                                Writer 

Garhwal Ramlila most popular song

Garhwal Ramlila most popular song            :-:-विश्वामित्र गाना-:-:- ऐ महाराज दशरथ दुहाई तेरी,     हम फकीरों का कोई गुजारा नहीं।। कष्ट मिलता हमें रात - दिन इस कदर,     जो हमारे से जाता सहा ही नहीं।। कोई अपराध हमने ना तेरा किया,     त्याग वस्ती को जंगल में डेरा किया।। उस किनारे पे जाके बसेरा किया,      रहना वहां भी हमारा गँवारा नहीं।।                                                  Saurabh rawat                                                          Writer गढ़वाल की परम्पराओं   या इस पोस्ट से सम्बंधित किसी भी तरह का प्रश्न पूछने के लिए नीचे comment कीजिये

Garhwal Ramlila most popular song

     Garhwal Ramlila most popular song            द्वारपाल  प्रवेश कर गाना-:-: (दशरथ के दरबार में ) मुनी विश्वामित्र जो आये हुये हैं।। वह द्वार पर आसन लगाये हुये हैं।। न रौनक है  मुख पर न आखों में  लाली।। वे मुर्दा सी सूरत बनाये हुए हैं।। यह प्रतीत होता है चेहरे से उनके।। कि गोया किसी के सताये हुए हैं।।                                  Saurabh rawat                                        Writer गढ़वाल की परम्पराओं   या इस पोस्ट से सम्बंधित किसी भी तरह का प्रश्न पूछने के लिए नीचे comment कीजिये

Garhwal Ramlila most popular song

Garhwal Ramlila most popular song दशरथ गाना - :-:- आनोखा स्वप्न देखा रात मुझे  भ्रम है, प्रजा पर आन पड़ा उत्पात।। एक जगह पर वन के भीतर गौवें चुगने जात, उसी-उसी वन में एक सिंह ने आन लगाई।। जब गौवें उस वन में  पहुंची ले बछड़ो को साथ, सिंहदेव उछल कर सारी गौवें पकड़ी हाथों हाथ।। गौवें देत दुवाई बछड़े अलग खड़े विलखान, लेकिन पंजे से जालिम नहीं रिहाई पात।। एक तरफ बछड़े रोत हैं एक तरफ गौ मात, रहा गया ना यूं मुझसे देख गौवों की घात।। चला छुड़ाने समझ के उनको दुखिया औ अनाथ, खुलगई आंख उसी दिन हो गई प्रभात ऐ राजन क्या सपने की बात - 2 ऐसे सपने सारी दुनिया देखत दिन रात।।                                                    Saurabh rawat                                                             Writer गढ़वाल की परम्पराओं   या इस पोस्ट से सम्बंधित किसी भी तरह का प्रश्न पूछने के लिए नीचे comment कीजिये

Garhwal Ramlila most popular song

  Garhwal Ramlila ki mukya arti                       ।। आरती।। जय जय सुरनायक जन सुखदायक प्रनतपाल भगवंता। गो द्विज हितकारी जय असुरारी सिधुंसुता प्रिय कंता।। पालन सुर धरनी अद्भुत करनी मरम न जानइ कोई। जो सहज कृपाला दीनदयाला करउ अनुग्रह सोई।। जय जय अबिनासी सब घट बासी ब्यापक परमानंदा। अबिगत गोतीतं चरित पुनीतं मायारहित मुकुंदा।। जेहि लागि बिरागी अति अनुरागी बिगतमोह मुनिबृंदा। निसि बासर ध्यावहिं गुन गन गावहिं जयति सच्चिदानंदा।। जेहिं सृष्टि उपाई त्रिबिध बनाई संग सहाय न दूजा। सो करउ अघारी चिंत हमारी जानिअ भगति न पूजा।। जो भव भय भंजन मुनि मन रंजन गंजन बिपति बरूथा। मन बच क्रम बानी छाड़ि सयानी सरन सकल सुर जूथा।। सारद श्रुति सेषा रिषय असेषा जा कहुँ कोउ नहि जाना। जेहि दीन पिआरे बेद पुकारे द्रवउ सो श्रीभगवाना।। भव बारिधि मंदर सब बिधि सुंदर गुनमंदिर सुखपुंजा। मुनि सिद्ध सकल सुर परम भयातुर नमत नाथ पद कंजा।। दोहा: जानि सभय सुरभूमि सुनि बचन समेत सनेह। गगनगिरा गंभीर भइ हरनि सोक संदेह।।                                                 Saurabh rawat                                  

Garhwal Ramlila most popular song

Garhwal Ramlila me श्री हनुमान चालीसा ka prmukh issthan hai         श्री हनुमान चालीसा ।।दोहा।। श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुर सुधार | बरनौ रघुवर बिमल जसु , जो दायक फल चारि | बुद्धिहीन तनु जानि के , सुमिरौ पवन कुमार | बल बुद्धि विद्या देहु मोहि हरहु कलेश विकार || ।।चौपाई।। जय हनुमान ज्ञान गुन सागर, जय कपीस तिंहु लोक उजागर | रामदूत अतुलित बल धामा अंजनि पुत्र पवन सुत नामा ||2|| महाबीर बिक्रम बजरंगी कुमति निवार सुमति के संगी | कंचन बरन बिराज सुबेसा, कान्हन कुण्डल कुंचित केसा ||4| हाथ ब्रज औ ध्वजा विराजे कान्धे मूंज जनेऊ साजे | शंकर सुवन केसरी नन्दन तेज प्रताप महा जग बन्दन ||6| विद्यावान गुनी अति चातुर राम काज करिबे को आतुर | प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया रामलखन सीता मन बसिया ||8|| सूक्ष्म रूप धरि सियंहि दिखावा बिकट रूप धरि लंक जरावा | भीम रूप धरि असुर संहारे रामचन्द्र के काज सवारे ||10|| लाये सजीवन लखन जियाये श्री रघुबीर हरषि उर लाये | रघुपति कीन्हि बहुत बड़ाई तुम मम प्रिय भरत सम भाई ||12|| सहस बदन तुम्हरो जस गावें अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावें | सनकादिक

Garhwal Ramlila most popular song

Garhwal Ramlila me gai Jane vali 4arti आरती नम्बर (4) शिवजी की आरती कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारं | सदा वसन्तं ह्रदयाविन्दे भंव भवानी सहितं नमामि ॥ जय शिव ओंकारा हर ॐ शिव ओंकारा | ब्रम्हा विष्णु सदाशिव अद्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव ओंकारा...... एकानन चतुरानन पंचांनन राजे | हंसासंन ,गरुड़ासन ,वृषवाहन साजे॥ ॐ जय शिव ओंकारा...... दो भुज चारु चतुर्भज दस भुज अति सोहें | तीनों रुप निरखता त्रिभुवन जन मोहें॥ ॐ जय शिव ओंकारा...... अक्षमाला ,बनमाला ,रुण्ड़मालाधारी | चंदन , मृदमग सोहें, भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव ओंकारा...... श्वेताम्बर,पीताम्बर, बाघाम्बर अंगें सनकादिक, ब्रम्हादिक ,भूतादिक संगें ॐ जय शिव ओंकारा...... कर के मध्य कमड़ंल चक्र ,त्रिशूल धरता | जगकर्ता, जगभर्ता, जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव ओंकारा...... ब्रम्हा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका | प्रवणाक्षर मध्यें ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव ओंकारा...... काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रम्हचारी | नित उठी भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव ओंकारा...... त्रिगुण शिवजी की आरती जो कोई नर गावें | कहत शिवानंद

Garhwal Ramlila most popular song

Garhwal Ramlila me gai  Jane vali 3arti  आरती नम्बर( 3) ‌रामचन्द्रजी की आरती श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणं | नवकंज लोचन, कंजमुख, करकुंज, पदकंजारुणं || श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणं | श्री राम श्री राम.... कंदर्प अगणित अमित छबि, नवनीलनीरद सुन्दरं | पट पीत मानहु तडीत रुचि शुचि नौमि जनक सुतावरं || श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणं | श्री राम श्री राम.... भजु दीनबंधु दिनेश दानवदै त्यवंशनिकंदनं | रघुनंद आंनदकंद कोशलचंद दशरथनंदनं || श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणं | श्री राम श्री राम... सिर मुकुट कूंडल तिलक चारु उदारु अंग विभुषणं | आजानु भुजा शरा चाप धरा, संग्राम जित खर दुषणं || भुजा शरा चाप धरा, संग्राम जित खर दुषणं || श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणं इति वदित तुलसीदास शंकरशेषमुनिमनरंजनं | मम ह्रदयकंजनिवास कुरु, कामादि खल दल गंजनं | | मन जाहि राचों मिलहिं सो वर सहज सुन्दर सांवरो। करूणा निधान सुजान सील स्नेह जानत दावों।। यहिं भांन्ति गौरी असीस सुनि सिय सेहित हिय हर्षित चली। तुलसी भवानी पूजी पु

Garhwal Ramlila most popular song

Garhwal Ramlila most popular song Ramlila songs start Kerne se phle 4-5 arti gai jati HAI jinme se Dusri ye hai आरती नम्बर(2) - :-              *जगदम्बे - माता-की-आरती* जगदम्बे  ओ प्यारी सुधा, लीजो हमारी।                    लीजो ऐ सेवा हमारी माँ।। हम सारे नादान चाहे बुद्धि और ज्ञान।                   जरा पापों से जग को बचाओ मेहरबान।। जोड़े-जोड़े हैं। हाथ सुन लीजो ये मात।                    जगदम्बे ओ माता की जय  जय जय।।                                                   Saurabh rawat                                                         Writer

Garhwal ki Ramlila ke kuch popular songs

गढ़वाल रामलीला गाने- :-:- Hello friendzzZ Savagat hai apka (कुछ दिन तो गुजारो गढ़वाल में) में। Mai saurabh rawat aaj Le ke aaya hu apke Liye garhwal ki Ramlila ke kuch Popular songs Jo apko Khi nhi milenge. Ye gane aap sirf aap garhwal ki Ramlila me sunenge or Khi nhi. Log in gano ko search Kerte firte hai Lekin unhe nhi milte.      Maine unhi logon ke Liye ye gane likhen hai. Ki unko koi presani na ho..    Ab vo log Mere iss blog se aasani se garhwal ki Ramlila ke songs pd ya ga sakte hai... Garhwal ki ramlila me Sbse phle ganesh ji ki  arti.....Uske baad step to step.. Ramlila start.... To suru Kerte hai आरती नम्बर (1)-:- गणेश जी की आरती  जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥ जय... एक दंत दयावंत चार भुजा धारी। माथे सिंदूर सोहे मूसे की सवारी ॥ जय... अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया। बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥ जय... पान चढ़े फल चढ़े और चढ़े मेवा। लड्डुअन का भोग लगे संत करें सेवा ॥ जय... 'सूर' श्याम शरण आए सफल कीजे सेवा

गढ़वाल होली के गीत

गढ़वाल होली के गीत होली गीत हरी फूलों से मथुरा छाई रही।  हरी फूलों से मथुरा छाई रही। (2) आज मथुरा में होली छाई  रही। (2) गोपी भर पिचकारी मार रही। (2) को संग खेलें गढवा हिन्डोला। (2) को संग कंवर ढुलाई रही। (2) आज मथुरा में होली छाई रही। (2) गोपी भर पिचकारी मार रही। (2) Fast lines  हो एैगे फागुन मैंना खेला होरी..... एैगे फागुन मैंना खेला होरी.......... हो मारा भर पिचकारी खेला होरी.... मारा भर पिचकारी खेला होरी....                                           Saurabh rawat                                                     Writer गढ़वाल की परम्पराओं   या इस पोस्ट से सम्बंधित किसी भी तरह का प्रश्न पूछने के लिए नीचे comment कीजिये

गढ़वाल होली के गीत

गढ़वाल होली के गीत एक समय की बात सुनो जी . एक समय की बात सुनो जी...       जब राजा अर्जुन घर पे नहीं थे। (2) तब दुष्ट दुर्योधन ने चक्रव्यूह रचाया...        चक्रव्यूह रहा के पाण्डव ललकारे। (2) पाण्डव ललकारे स्वर्ग सिधारे ।(2) सोलह बर्ष के अभिमन्यु बोले....         तुम रहो घर में  मैं जांऊ लड़ने। (2) बीरा-बीर अभिमन्यु लड़ने गये....        बीरा-बीर अभिमन्यु लड़ने गये। (2) एक रण जीते, दो रण जीते... (2)   तिन रण जीते, चर रण जीते... (2) पंच रण जीते, छःरण जीते... (2) सातवें रण में मारे गये....... (2)        बीरा-बीर अभिमन्यु  लड़ने गये। (4)                                       Saurabh rawat                                              Writer गढ़वाल की परम्पराओं   या इस पोस्ट से सम्बंधित किसी भी तरह का प्रश्न पूछने के लिए नीचे comment कीजिये

गढ़वाल होली के गीत

गढ़वाल होली के गीत होली गीत राम ना माने एक....                  कि राम चले वनवासा राम ना माने एक....                 कि राम चले वनवासा। (2) कौशल्या माता रो-रो के बोली.....                 मत जाओ बेटे वन को अकेले। (2) राम ना माने एक।....                   कि राम चले वनवासा। (2)                                             Saurabh rawat                                                     Writer गढ़वाल की परम्पराओं   या इस पोस्ट से सम्बंधित किसी भी तरह का प्रश्न पूछने के लिए नीचे comment कीजिये

गढ़वाल होली के गीत

गढ़वाल होली के गीत होली गीत श्री कृष्ण छोटे सुदामा बड़े थे।  श्री कृष्ण छोटे सुदामा बड़े थे। (2)        श्री कृष्ण छोटे सुदामा बड़े थे। (2) एक दिन गुरूजी ने लकड़ी को भेजा। (2)        जा बेटा साथ में कुल्हाड़ी भी ले जा। (2) कुल्हाड़ी के बारे में  दोनों लड़े थे। (2)         श्री कृष्ण छोटे सुदामा बड़े थे। (2) एक दिन गुरूजी ने पानी को भेजा। (2)       जा बेटा साथ में लोटा भी ले जा। (2) लोटे के बारे में दोनों लड़े थे। (2)       श्री कृष्ण छोटे सुदामा बड़े थे। (2) श्री कृष्ण छोटे सुदामा बड़े थे। (2)                                    Saurabh rawat                                          Writer गढ़वाल की परम्पराओं   या इस पोस्ट से सम्बंधित किसी भी तरह का प्रश्न पूछने के लिए नीचे comment कीजिये

गढ़वाल होली के गीत

गढ़वाल होली के गीत होली गीत श्री कृष्ण छोटे सुदामा बड़े थे।  श्री कृष्ण छोटे सुदामा बड़े थे। (2)गढ़वाल होली के गीत होली गीत माखन कहाँ से लांऊ, मेरा रोये कन्हैया    माखन कहाँ से लांऊ, मेरा रोये कन्हैया। (2) दुध भी नहीं पीवे, खिर भी नहीं खावे। (2)     चाहे   तो    बस        माखन         मिश्री। (1) माखन कहाँ से लांऊ, मेरा रोये कन्हैया। (2)        माखन कहाँ से लांऊ, मेरा रोये कन्हैया। (2) ये भी नहीं खेले, वो भी नहीं खेले। (2)        खेले          तो          बस                गेंदुआ(1) माखन कहाँ से लांऊ, मेरा रोये कन्हैया। (2)           माखन कहाँ से लांऊ, मेरा रोये कन्हैया। (2)                                                   Saurabh rawat                                                            Writer गढ़वाल की परम्पराओं   या इस पोस्ट से सम्बंधित किसी भी तरह का प्रश्न पूछने के लिए नीचे comment कीजिये        श्री कृष्ण छोटे सुदामा बड़े थे। (2) एक दिन गुरूजी ने लकड़ी को भेजा। (2)        जा बेटा साथ में कुल्हाड़ी भी ले जा। (2) कुल्हाड़ी के बारे में  दोनों लड़े थे।

गढ़वाल होली के गीत

गढ़वाल होली के गीत होली गीत घुमड़ - घुमड़ कर, बादल आये घुमड़ - घुमड़ कर, बादल आये। (2)        घुमड़ - घुमड़ कर, बादल आये। (2) वनमा नाचे रे मोर(2)        वनमा नाचे रे मोर(2) रंग डारो जी गुलाल(2)         रंग डारो जी गुलाल(2) होरी खेलत है, नन्दलाला(2)         होरी खेलत है, नन्दलाला(2) सभी बोलो.... सभी बोलो........        होली है..... होली.... है (2)                               Saurabh rawat                                       Writer गढ़वाल की परम्पराओं   या इस पोस्ट से सम्बंधित किसी भी तरह का प्रश्न पूछने के लिए नीचे comment कीजिये

गढ़वाल होली के गीत

गढ़वाल होली के गीत होली गीत माखन कहाँ से लांऊ, मेरा रोये कन्हैया    माखन कहाँ से लांऊ, मेरा रोये कन्हैया। (2) दुध भी नहीं पीवे, खिर भी नहीं खावे। (2)     चाहे   तो    बस        माखन         मिश्री। (1) माखन कहाँ से लांऊ, मेरा रोये कन्हैया। (2)        माखन कहाँ से लांऊ, मेरा रोये कन्हैया। (2) ये भी नहीं खेले, वो भी नहीं खेले। (2)        खेले          तो          बस                गेंदुआ(1) माखन कहाँ से लांऊ, मेरा रोये कन्हैया। (2)           माखन कहाँ से लांऊ, मेरा रोये कन्हैया। (2)                                                   Saurabh rawat                                                            Writer गढ़वाल की परम्पराओं   या इस पोस्ट से सम्बंधित किसी भी तरह का प्रश्न पूछने के लिए नीचे comment कीजिये

गढ़वाल होली के गीत

गढ़वाल होली परम्परा होली गीत     मत मारो मोहन लाला पिचकारी     मत मारो मोहन लाला पिचकारी (2) जोगी आयो, शहर से ब्योपारी(2)     मत मारो मोहन लाला पिचकारी (2) इस जोगी को प्यास लगत है (2)     पानी पिलादो ओ मतवाले (2)  मत मारो मोहन लाला पिचकारी (2)      जोगी आयो, शहर से ब्योपारी(2) इस जोगी को भूख लगत है(2)       खाना खिलादो ओ मतवाले(2)  मत मारो मोहन लाला पिचकारी (2)        जोगी आयो, शहर से ब्योपारी(2)                                                   Saurabh rawat                                                          Writer गढ़वाल की परम्पराओं   या इस पोस्ट से सम्बंधित किसी भी तरह का प्रश्न पूछने के लिए नीचे comment कीजिये

गढ़वाल होली के गीत

गढ़वाल की होली परम्परा होली गीत मदन मोहन, सकल वन में खड़े वंशी बजाते हैं।  मदन मोहन, सकल वन में खड़े वंशी बजाते हैं। (2)       मदन मोहन, सकल वन में खड़े वंशी बजाते हैं।। (2) कभी गंगा, कभी यमुना  कभी सरयू नहाते हैं। (2)        मदन मोहन, सकल वन में खड़े वंशी बजाते हैं।।(2) ‌कभी लागू, कभी पेडे कभी माखन चुराते हैं। (2) ‌   मदन मोहन, सकल वन में खड़े वंशी बजाते हैं।।(2) ‌ मदन मोहन, सकल वन में खड़े वंशी बजाते हैं। (2) ‌     मदन मोहन, सकल वन में खड़े वंशी बजाते हैं। (2) ‌                                            saurabh rawat ‌                                                   writer गढ़वाल की परम्पराओं   या इस पोस्ट से सम्बंधित किसी भी तरह का प्रश्न पूछने के लिए नीचे comment कीजिये

गढ़वाल होली के गीत

गढ़वाल होली के गीत   होली गीत //आमू की डाली में कोयल बोली।// (प्रसिद्ध होली गीत) एै गे बसंत ऋतु एैगेनी होली(1)          आमू की डाली में कोयल बोली। (2) कोयल ने हमको गाना सुनाया। (1)            गाना सुनाके आनन्द आया(2)                                      Saurabh rawat                                              Writer गढ़वाल की परम्पराओं   या इस पोस्ट से सम्बंधित किसी भी तरह का प्रश्न पूछने के लिए नीचे comment कीजिये

गढ़वाल होली उत्सव

//गढ़वाल  होली उत्सव // Hello friendzzZ Savagat hai apka (कुछ दिन तो गुजारो गढ़वाल में) में Mai saurabh rawat aaj Le ke aaya hu apke Liye garhwal ki holi ke riti rivaj. Vaise holi pure India me mnayi jati hai Pr garhwal ki holi Apna sthan alg hi rakti hai. Mai apko Btaunga ki garhwal me holi start kaise hoti hai or khtm kaise hoti hai Chlo fir start Karte hai गढ़वाल में होली की शुरुआत  गढ़वाल में होली  , होली के सात दिन पहले शुरू होती है। सबसे पहले गांव के सभी लोग मिलकर गाजे बाजे के साथ एक पेड़ (पय्याँ) कि टहनी काट के गांव के बड़े  खेत या मैदान में लाते हैं । फिर उस टहनी को खेत के बीचोंबीच लगा कर होलिका की स्थापना करते हैं। फिर वहां पर सभी मिलकर पूजा करते हैं।       फिर शाम से होली खेलना  शुरू हो जाता है। होली खेलने से मतलब है, कि गांव के लड़के और लड़कियों की एक टीम बनाई जाती है। जो कि गाजे बाजे के साथ दूसरे गांव में  होली खेलते हैं। या कह  सकते हैं  होली की दक्षिणा मांगते हैं।          वह टीम  हर घर में  जाते हैं  और होली गाते हैं। (होली के गीत  गाते हैं)।  garhwa

Welcome friends apka garhwal traditional me svagat hai

Welcome to garhwal traditional  Hello friends  Apka svagat hai Mere iss blog me Mai.  " saurabh rawat " Btaunga aapko garhwal ki kuch Rochak baaten  Jo sayd hi kisi ne suni hongi .     Mai v pauri garhwal ka Rhne vala hu  Issliye mai aap sbko garhwal ki " Riti rivaj"  Ke bare me har ek point bataunga Jo mujhe pta hai.  Aaj log garhwal me rhte jrur hai per unhe garhwal ke riti rivaj. Garhwal ki prampraon ke bare me kuch v pta ni hota.    Mai garhwal ke riti rivaj se sabko avgat karana chata hu. Mujhe puri umeed hai ki Mai apko garhwal ki prampraon se avgat kraunga. मुझे बताईये यदि आपके इस पोस्ट के सम्न्बंधित कोई भी प्रश्न आपके मन में है         गढ़वाल की परम्पराओं  से सम्बंधित किसी भी तरह का प्रश्न पूछने के लिए नीचे comment कीजिये.