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गढ़वाल होली उत्सव

//गढ़वाल  होली उत्सव //



Hello friendzzZ
Savagat hai apka (कुछ दिन तो गुजारो गढ़वाल में) में
Mai saurabh rawat aaj Le ke aaya hu apke Liye garhwal ki holi ke riti rivaj.
Vaise holi pure India me mnayi jati hai
Pr garhwal ki holi Apna sthan alg hi rakti hai.
Mai apko Btaunga ki garhwal me holi start kaise hoti hai or khtm kaise hoti hai
Chlo fir start Karte hai

गढ़वाल में होली की शुरुआत 

गढ़वाल में होली  , होली के सात दिन पहले शुरू होती है। सबसे पहले गांव के सभी लोग मिलकर गाजे बाजे के साथ एक पेड़ (पय्याँ) कि टहनी काट के गांव के बड़े  खेत या मैदान में लाते हैं । फिर उस टहनी को खेत के बीचोंबीच लगा कर होलिका की स्थापना करते हैं। फिर वहां पर सभी मिलकर पूजा करते हैं।
      फिर शाम से होली खेलना  शुरू हो जाता है।
होली खेलने से मतलब है, कि गांव के लड़के और लड़कियों की एक टीम बनाई जाती है। जो कि गाजे बाजे के साथ दूसरे गांव में  होली खेलते हैं। या कह  सकते हैं  होली की दक्षिणा मांगते हैं।
         वह टीम  हर घर में  जाते हैं  और होली गाते हैं। (होली के गीत  गाते हैं)।
 garhwal ki holi ko alg Yhan ke holi ke geet hi bnate hai.
आप इन गीतों को गा के खुद समझ सकते हैं।

होली के कुछ गीत मैं  अगली पोस्ट में  डालूंगा।। 
ऐसे छः दिन तक चलता है।
और सातवें दिन सब मिलकर होलिका को पूरे विधि-विधान के साथ जलाते हैं। और फिर अगले दिन सब मिलकर होली के गीतों के साथ नाचते गाते हैं। और खुशियां मनाते हैं।।।




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Bedu Pako Bara Masa Lyrics in hindi बेडु पाको बारो मासा, ओ नरणी काफल पाको चैत मेरी छैला बेडु पाको बारो मासा, ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला – २ बेडु पाको बारो मासा -२, ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला – २ (कोरस) भुण भुण दीन आयो -२ नरण बुझ तेरी मैत मेरी छैला -२ बेडु पाको बारो मासा -२, ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला – २ आप खांछे पन सुपारी -२, नरण मैं भि लूँ छ बीडी मेरी छैला -२ बेडु पाको बारो मासा -२, ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला – २ अल्मोडा की नंदा देवी, नरण फुल छदुनी पात मेरी छैला बेडु पाको बातो मासा -२ त्यार खुटा मा कांटो बुड्या, नरणा मेरी खुटी पीडा मेरी छैला बेडु पाको बातो मासा -२ अल्मोडा को लल्ल बजार, नरणा लल्ल मटा की सीढी मेरी छैला बेडु पाको बातो मासा -२