Garhwal Ramlila most popular song
दशरथ गाना - :-:-
आनोखा स्वप्न देखा रात मुझे भ्रम है, प्रजा पर आन पड़ा उत्पात।।
एक जगह पर वन के भीतर गौवें चुगने जात, उसी-उसी वन में एक सिंह ने आन लगाई।।
जब गौवें उस वन में पहुंची ले बछड़ो को साथ, सिंहदेव उछल कर सारी गौवें पकड़ी हाथों हाथ।।
गौवें देत दुवाई बछड़े अलग खड़े विलखान, लेकिन पंजे से जालिम नहीं रिहाई पात।।
एक तरफ बछड़े रोत हैं एक तरफ गौ मात, रहा गया ना यूं मुझसे देख गौवों की घात।।
चला छुड़ाने समझ के उनको दुखिया औ अनाथ, खुलगई आंख उसी दिन हो गई प्रभात
ऐ राजन क्या सपने की बात - 2 ऐसे सपने सारी दुनिया देखत दिन रात।।
Saurabh rawat
Writer
गढ़वाल की परम्पराओं या इस पोस्ट से सम्बंधित किसी भी तरह का प्रश्न पूछने के लिए नीचे comment कीजिये
दशरथ गाना - :-:-
आनोखा स्वप्न देखा रात मुझे भ्रम है, प्रजा पर आन पड़ा उत्पात।।
एक जगह पर वन के भीतर गौवें चुगने जात, उसी-उसी वन में एक सिंह ने आन लगाई।।
जब गौवें उस वन में पहुंची ले बछड़ो को साथ, सिंहदेव उछल कर सारी गौवें पकड़ी हाथों हाथ।।
गौवें देत दुवाई बछड़े अलग खड़े विलखान, लेकिन पंजे से जालिम नहीं रिहाई पात।।
एक तरफ बछड़े रोत हैं एक तरफ गौ मात, रहा गया ना यूं मुझसे देख गौवों की घात।।
चला छुड़ाने समझ के उनको दुखिया औ अनाथ, खुलगई आंख उसी दिन हो गई प्रभात
ऐ राजन क्या सपने की बात - 2 ऐसे सपने सारी दुनिया देखत दिन रात।।
Saurabh rawat
Writer
गढ़वाल की परम्पराओं या इस पोस्ट से सम्बंधित किसी भी तरह का प्रश्न पूछने के लिए नीचे comment कीजिये
Comments
Post a Comment