गढ़वाल की होली परम्परा
होली गीत
मदन मोहन, सकल वन में खड़े वंशी बजाते हैं।
मदन मोहन, सकल वन में खड़े वंशी बजाते हैं। (2)
मदन मोहन, सकल वन में खड़े वंशी बजाते हैं।। (2)
कभी गंगा, कभी यमुना कभी सरयू नहाते हैं। (2)
मदन मोहन, सकल वन में खड़े वंशी बजाते हैं।।(2)
कभी लागू, कभी पेडे कभी माखन चुराते हैं। (2)
मदन मोहन, सकल वन में खड़े वंशी बजाते हैं।।(2)
मदन मोहन, सकल वन में खड़े वंशी बजाते हैं। (2)
मदन मोहन, सकल वन में खड़े वंशी बजाते हैं। (2)
saurabh rawat
writer
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होली गीत
मदन मोहन, सकल वन में खड़े वंशी बजाते हैं।
मदन मोहन, सकल वन में खड़े वंशी बजाते हैं। (2)
मदन मोहन, सकल वन में खड़े वंशी बजाते हैं।। (2)
कभी गंगा, कभी यमुना कभी सरयू नहाते हैं। (2)
मदन मोहन, सकल वन में खड़े वंशी बजाते हैं।।(2)
कभी लागू, कभी पेडे कभी माखन चुराते हैं। (2)
मदन मोहन, सकल वन में खड़े वंशी बजाते हैं।।(2)
मदन मोहन, सकल वन में खड़े वंशी बजाते हैं। (2)
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