गढ़वाल होली परम्परा
होली गीत
मत मारो मोहन लाला पिचकारी
मत मारो मोहन लाला पिचकारी (2)
जोगी आयो, शहर से ब्योपारी(2)
मत मारो मोहन लाला पिचकारी (2)
इस जोगी को प्यास लगत है (2)
पानी पिलादो ओ मतवाले (2)
मत मारो मोहन लाला पिचकारी (2)
जोगी आयो, शहर से ब्योपारी(2)
इस जोगी को भूख लगत है(2)
खाना खिलादो ओ मतवाले(2)
मत मारो मोहन लाला पिचकारी (2)
जोगी आयो, शहर से ब्योपारी(2)
Saurabh rawat
Writer
गढ़वाल की परम्पराओं या इस पोस्ट से सम्बंधित किसी भी तरह का प्रश्न पूछने के लिए नीचे comment कीजिये
होली गीत
मत मारो मोहन लाला पिचकारी
मत मारो मोहन लाला पिचकारी (2)
जोगी आयो, शहर से ब्योपारी(2)
मत मारो मोहन लाला पिचकारी (2)
इस जोगी को प्यास लगत है (2)
पानी पिलादो ओ मतवाले (2)
मत मारो मोहन लाला पिचकारी (2)
जोगी आयो, शहर से ब्योपारी(2)
इस जोगी को भूख लगत है(2)
खाना खिलादो ओ मतवाले(2)
मत मारो मोहन लाला पिचकारी (2)
जोगी आयो, शहर से ब्योपारी(2)
Saurabh rawat
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Galat h so g
ReplyDeleteChandra Devi ji me btaya hai hme ye song
DeleteNaam bhul gaye aap ....Beena thi wo ...jisne bataya tha.. whi aaya tha jogi...tb unhone milyaa tha ye gaana...mohan laal aur jogi pe
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